aarambh hai prachand lyrics in Hindi फिल्म गुलाल को 13 march 2009 रिलीज किया गया था यह फिल्म राजनीती विषय पर बनी है। इस फिल्म को IMDb पर 10 / 8 रेटिंग दिया गया है।
क्रिटिक्स के अनुसार यह फिल्म बहुत अच्छी थी परन्तु बॉक्स ऑफिस पर दर्शको ने इस फिल्म को कुछ खास पसंद नहीं किया। क्रिटिक्स के इतने अच्छे रेटिंग के बाद भी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी। और दर्शको ने इस फिल्म को सिरे से नकार दिया। परन्तु इस फिल्म का यह गाना आरम्भ है प्रचण्ड ने लोगो के दिलो में अपना घर बना लिया। इस गाने को पियूष मिश्रा जी ने लिखा है। पियूष मिश्रा जी द्वारा लिखे गए इस गाने का एक एक बोल आपके अंदर ऊर्जा भर देगा। और आज हम इसी गाने aarambh hai prachand lyrics in Hindi को आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है।
फिल्म डिटेल
फिल्म गुलाल
डायरेक्टर अनुराग कश्यप
लिरिक्स पियूष मिश्रा
म्यूजिक पियूष मिश्रा
म्यूजिक लेबल T-Series
कास्ट राज सिंह चौधरी, क क मेनन, पियूष मिश्रा, दीपक डोबरियाल, अभिमन्यु सिंह, माहि गिल, आदित्य श्रीवास्तव, जेस्सी रंधावा, पंकज झा
aarambh hai prachand lyrics in Hindi
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो
आरम्भ है प्रचण्ड…
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्वशक्तिमान है
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्वशक्तिमान है
कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है
कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो
जो लड़ सका है वो ही तो महान है
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो
मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें
ये जा के आसमान में दहाड़ दो
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो
आरम्भ है प्रचंड…
वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो
या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल
लाल ये गुलाल तुम ये सोच लो
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि
केसरी हो ताल तुम ये सोच लो
जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत
उस कवि को आज तुम नकार दो
भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज
आग की लपट का तुम बघार दो
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो
आरम्भ है प्रचंड…
आरम्भ है प्रचंड…
आरम्भ है प्रचंड…
गाने का वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर जाए
बस कुछ बातें
इस फिल्म का यह गाना आरम्भ है प्रचण्ड एक मोटिवेशनल गाना है। हमारे जीवन में मोटिवेशनल गानो का एक खास स्थान होता है जब भी जीवन में हम किसी परेशानी से गुजर रहे होते है या थक गए है उस समय इस प्रकार के गाने काफी मददगार साबित होते है। इन गानो को सुनकर आपको एक अलग ही ताजगी का अनुभव होगा। गुलाल फिल्म के इस गाने के बोल इतने ऊर्जावान है जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा।