♥ aarti kunj bihari ki lyrics Ke sath ♥
भगवान श्री कृष्ण को कुंज बिहारी के नाम से भी पुकारा जाता है। जैसा की सभी जानते है भगवान् श्री कृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था परन्तु उनका लालन पालन माँ यशोदा और बाबा नन्दलाल के घर वृंदावन में हुआ था । कुंज का अर्थ होता वृंदावन और बिहारी भगवान् श्री कृष्ण को कहा जाता है। इस प्रकार वृन्दावन में लालन पालन होने के कारण भगवान् श्री कृष्ण का नाम कुंज बिहारी पड़ा। कुंज बिहारी जी की आरती को कई गायको ने अपनी मधुर आवाज में गाया है जिसे सुनकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। परन्तु यदि आप भगवान् श्री कृष्ण की पूजा अर्चना घर में अपने आप कर रहे है ऐसे में आपको aarti kunj bihari ki lyrics की आवश्यकता पड़ती है ताकि आप सही बोल के साथ भगवान् श्री कृष्ण आरती कर सके। तो चलिए शुरू करते है भगवान कुंज बिहारी जी की आरती aarti kunj bihari ki lyrics के साथ।
♥aarti kunj bihari ki lyrics in hindi ♥ |
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गले में बैजंती माला बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला
नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली
राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक कस्तूरी तिलक चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
कनकमय मोर मुकुट बिलसै
देवता दरसन को तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै
बजे मुरचंग मधुर मिरदंग ग्वालिन संग
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
जहां ते प्रकट भई गंगा
कलश कल हारिणि श्री गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस
जटा के बीच
हरै अघ कीच
चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
चमकती उज्ज्वल तट रेनू
बज रही वृंदावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद
चांदनी चंद
कटत भव फंद
टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
भगवान् श्री कृष्ण के वैवाहिक जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
वैसे तो भगवान् श्री कृष्ण का नाम हमेशा राधा रानी के साथ ही लिया जाता है। कृष्ण के साथ हमेशा राधारानी की ही पूजा की जाती है। परन्तु कृष्ण जी के पत्नी के रूप में राधारानी का नाम नहीं लिया जाता है। कृष्ण जी की 16108 पत्निया थी जिन में से 8 प्रमुख थी जिनके नाम इस प्रकार है।
रुक्मिणी
रुक्मिणी भगवान कृष्ण की पहली पत्नी थीं। वह एक राजकुमारी और विदर्भ के राजा भीष्मक की बेटी थी। कृष्ण ने उनके भाई रुक्मी को हराने के बाद उनसे विवाह किया क्युकि रुक्मी नहीं चाहते थे कि उनकी बहन का विवाह श्री कृष्ण से हो।
सत्यभामा
सत्यभामा कृष्ण की प्रमुख रानियों में से एक थीं। वह अपनी सुंदरता, ताकत और उग्र स्वभाव के लिए जानी जाती थीं। सत्यभामा ने कृष्ण के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न दिव्य घटनाओं में भाग लिया।
जामवंती
जामवंती राजा जाम्बवान की बेटी थी, जो एक भालू जैसा प्राणी था, और उसने भगवान कृष्ण से विवाह तब किया था जब उन्होंने उसके पिता को स्यमंतक नामक एक बहुमूल्य मणि के लिए युद्ध में हरा दिया था।
कालिंदी
कालिंदी एक नदी देवी और सूर्य देवता की बेटी थीं। भगवान कृष्ण ने उनसे विवाह भी किया।
मित्रविंदा
मित्रविंदा अवंती राज्य की राजकुमारी थीं और उन्होंने कृष्ण को अपने पति के रूप में चुना था।
नग्नजिति
नग्नजिति, जिसे सत्या के नाम से भी जाना जाता है, राजा नग्नजित की बेटी थी। अपने पिता द्वारा निर्धारित कठिन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उन्होंने कृष्ण से विवाह किया।
भद्रा
भद्रा केकय राज्य की राजकुमारी थीं और उन्होंने कृष्ण से भी विवाह किया था।
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