vindheshwari chalisa lyrics को पढ़ने से पहले चलिए जानते है माता विंधेश्वरी के बारे में कुछ रोचक तथ्य
माता विंधेश्वरी यशोदा मैया की पुत्री है। जिन्होंने श्री हरी के आदेश पर नंदबाबा और माता यशोदा के घर जन्म लिया। पौराणिक कथाओ के अनुसार जब श्री कृष्ण ने आठवीं संतान के रूप में माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया उसी समय माता यशोदा ने एक पुत्री को जन्म दिया था। और इसी कन्या के साथ वासुदेव जी ने श्री कृष्ण को बदल दिया था। अर्थात जब वासुदेव जी कृष्ण जी को गोकुल नंदबाबा के घर छोड़ने गए थे उस समय जिस कन्या को अपने साथ उठा लाये थे वही कन्या आगे चलकर माता विंधेश्वरी के नाम से जगत में विख्यात हुई।
vindheshwari chalisa lyrics
॥ दोहा ॥
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में,माँ करती नहीं विलम्ब ॥
जय जय जय विन्ध्याचल रानी
आदिशक्ति जगविदित भवानी
सिंहवाहिनी जय जगमाता
जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता
कष्ट निवारण जय जगदेवी
जय जय जय जय असुर सुर सेवी
महिमा अमित अपार तुम्हारी
शेष सहस मुख वर्णत हारी
दीनन को दु:ख हरत भवानी
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी
सब कर मनसा पुरवत माता
महिमा अमित जगत विख्याता
जो जन ध्यान तुम्हारो लावै
सो तुुरतहि वांछित फल पावै
तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी
रमा राधिका श्यामा काली
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली
उमा माध्वी चण्डी ज्वाला
वेगि मोहि पर होहु दयाला
तुम्हीं हिंगलाज महारानी
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता
तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी
हे मावती अम्ब निर्वानी
अष्टभुजी वाराहिनि देवा
करत विष्णु शिव जाकर सेवा
चौंसट्ठी देवी कल्यानी
गौरि मंगला सब गुनखानी
पाटन मुम्बादन्त कुमारी
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी
बज्रधारिणी शोक नाशिनी
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी
जया और विजया वैताली
मातु सुगन्धा अरु विकराली
नाम अनन्त तुम्हारि भवानी
वरनै किमि मानुष अज्ञानी
जापर कृपा मातु तब होई
जो वह करै चाहे मन जोई
कृपा करहु मोपर महारानी
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी
जो नर धरै मातु कर ध्याना
ताकर सदा होय कल्याना
विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै
जो देवीकर जाप करावै
जो नर कहँ ऋण होय अपारा
सो नर पाठ करै शत बारा
निश्चय ऋण मोचन होई जाई
जो नर पाठ करै चित लाई
अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे
या जग में सो बहु सुख पावे
जाको व्याधि सतावे भाई
जाप करत सब दूर पराई
जो नर अति बन्दी महँ होई
बार हजार पाठ करि सोई
निश्चय बन्दी से छुट जाई
सत्य वचन मम मानहु भाई
जापर जो कछु संकट होई
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई
जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई
सो नर या विधि करे उपाई
पाँच वर्ष जो पाठ करावै
नौरातन महँ विप्र जिमावै
निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी
ध्वजा नारियल आन चढ़ावै
विधि समेत पूजन करवावै
नित प्रति पाठ करै मन लाई
प्रेम सहित नहिं आन उपाई
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा
रंक पढ़त होवे अवनीसा
यह जन अचरज मानहु भाई
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई
जै जै जै जग मातु भवानी
कृपा करहु मोहि जन जानी
(समाप्त )
जय माँ विन्ध्वासिनी
विन्धेश्वरी चालीसा पढ़ने के फायदे
माता विन्धेश्वरी 51 शक्ति पीठो में से एक है। माता का यही एक शक्ति पीठ है जहा पर माँ के पूर्ण रूप के दर्शन होते है। माता विन्धेश्वरी चालीसा का पाठ करने से मनुष्य को अनेको लाभ प्राप्त होता है
माता विन्धेश्वरी की चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के मन में किसी प्रकार का भय नहीं रहता है।
माता विन्धेश्वरी की चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में अनेक प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन होता है।
इस चालीसा का पाठ करने से मनुष्य दीर्घयु होता है ।
इस चालीसा का पाठ करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
माता की इस चालीसा का पाठ करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे मनुष्य अपने कार्य क्षेत्र में विभिन्य प्रकार का लाभ प्राप्त करता है।
इसलिए अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए माँ पर विश्वास रखते हुए उनकी चालीसा का पाठ करे
Video credit
SINGER rahul pathak
MUSIC pramod singh – rahul pathak
ASSOC PRODUCER reshmita das
PRESENTER ravi khanna
LABEL everybody productions
CHANNEL BHAKTI BHAJAN MANTRA