सरस्वती वंदना इन हिंदी 2024 माता सरस्वती हिन्दू धर्म में एक पूज्य देवी हैं, जो ज्ञान, बुद्धि, और कला का प्रतीक हैं। उन्हें बुद्धि और रचनात्मकता का स्रोत माना जाता है। सामान्यत: एक वीणा, एक पवित्र शास्त्र, और एक कमल पर बैठे हुए चित्रित किया जाता है, जो पवित्रता और दैवीय चेतना का प्रतीक है। वसंत पंचमी का त्योहार उनकी पूजा के लिए मनाया जाता है, जिसमें भक्तजन अध्ययन, कला, और ज्ञान में सफलता के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं। उनका महत्व धार्मिक सीमाओं से परे है, जो ज्ञान और रचनात्मकता के प्रति एक सार्वभौमिक समर्पण को प्रोत्साहित करता है, जो सांस्कृतिक अंतरण को पार करके मानव जीवन को समृद्धि प्रदान करता है।
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी
जयति जय पद्मासन माता
जयति शुभ वरदायिनी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी
जगत का कल्याण कर माँ
तुम हो वीणा वादिनी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी
कमल आसन छोड़ कर आ
देख मेरी दुर्दशा मां
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी
ग्यान की दरिया बहा दे
हे सकल जगतारणी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी
माँ सरस्वती शारदे
माँ सरस्वती शारदे
पूर्ण इस अज्ञान उद्धर से
वीना पाणी तार दे तार दे
माँ सरस्वती शारदे
शरदे मा शरदे मा
सूर्या ब्रह्मा शिव विष्णु गजानन
जिन चरणों को सेवते है
हम शिशु अज्ञानी माता
इन चरणों का प्यार दे
वीना पाणी तार दे तार दे
माँ सरस्वती शारदे
माँ सरस्वती शारदे
मूरख हम ना जाने जननी
पूजा वंदन ध्यान को
आदि शक्ति कर क्षमा हमे
पूजा के अधिकार दे
वीना पाणी तार दे तार दे
माँ सरस्वती शारदे
माँ सरस्वती शारदे
शरदे मा शरदे मा
श्वेत कमल तेरा आसान है
श्वेत हंस तेरा वाहन है
हम पर सिद्ध दृष्टि कर जननी
बोध क्षीर की धार दे
वीणा वाली तार दे तार दे
माँ सरस्वती शारदे
माँ सरस्वती शारदे
शारदे मा शारदे मा
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ
तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे
तू स्वर की देवी यह संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे
हम है अकेले हम है अधूरे
तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ
हम है अकेले हम है अधूरे
तेरी शरण में हमें प्यार दे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ
मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी
संतो की भाषा आगम की बानी
मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी
संतो की भाषा आगम की बानी
हम भी तो समझे हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हम भी तो समझे हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे माँ
तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे
मनसे हमारे मिटा दे अँधेरा
हमको उजाला का परिवार दे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ
हे शारदे
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
मैं गीत सुनाता हूं संगीत की शिक्षा दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
सरगम का ज्ञान नहीं ना लय का ठिकाना है
सरगम का ज्ञान नहीं ना लय का ठिकाना है
तुम्हें आज सभा में माँ हमें दरश दिखाना है
संगीत समन्दर से सुर-ताल हमें दे दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
शक्ति ना भक्ति है सेवा का ज्ञान नहीं
शक्ति ना भक्ति है सेवा का ज्ञान नहीं
तुम्हें आज सुनाने को कोई सुंदर गान नहीं
गीतों के खजाने से एक गीत मुझे दे दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
अज्ञान ग्रसित होकर क्या गीत सुनाऊं मैं
अज्ञान ग्रसित होकर क्या गीत सुनाऊं मैं
टूटे हुये शब्दों से क्या स्वर को सजाऊं मैं
तुम ज्ञान का स्रोत बहामां मुझपे दया कर दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
मैं गीत सुनाता हूं संगीत की शिक्षा दो
ya kundendu tushara lyrics
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥