durga aarti lyrics | durga aarti lyrics in hindi 2023

durga aarti lyrics | durga aarti lyrics in hindi पौराणिक कथाओ के अनुसार माँ दुर्गा की रचना ब्रह्मा विष्णु महेश द्वारा महिषासुर नामक राक्षस का संघार करने के लिए किया गया था। जब सभी देवता मिलकर भी महिषासुर को परास्त नहीं कर सके तब उन्होंने देवी दुर्गा का आवाहन किया था। माँ दुर्गा ने कई राक्षसों से पृथ्वी को मुक्त करके भक्तो का उद्धार किया। तभी से माँ दुर्गा की पूजा अर्चना का विधान है। नवरात्री में माँ दुर्गा के नो रूपों की पूजा और आरती की जाती है। हमारे देश में दुर्गा पूजा को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, नवरात्री में माँ दुर्गा की पूजा के बाद आरती का बहुत ही महत्व है इसलिए हम आपको माता जी की आरती के बोल लिख कर दे रहे है जिससे आप भली भाती उनकी पूजा आरती कर सके। तो चलिए शुरू करते है माता जी की सूंदर आरती।

durga aarti lyrics | durga aarti lyrics in hindi

durga aarti lyrics in hindi 

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी

माँग सिन्दूर विराजत, टीको जगमग को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गले माला, कण्ठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरव ।
बाजत ताल मृदंगा, और बाजत डमरु॥
ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी

कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
ॐ जय अम्बे गौरी

durga aarti lyrics | durga aarti lyrics in hindi 2023

माँ दुर्गा के नौ रूप

नवरात्री में माँ दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है। माता का हर रूप एक अलग प्रकार का महत्व रखता है। किसी रूप में उन्हें दुष्टो का नाश करने वाली तो किसी रूप में वह पालनहार है।

1. शैलपुत्री – पर्वत की बेटी
मां दुर्गा का पहला रूप शैलपुत्री पवित्रता और शक्ति का प्रतीक है। वह त्रिशूल रखती हैं और बैल की सवारी करती हैं, जो उनके अटल संकल्प का प्रतीक है।

2. ब्रह्मचारिणी – भगवान शिव की भक्त
ब्रह्मचारिणी भक्ति और आत्मसंयम का उदाहरण है। उन्हें अक्सर माला पकड़े हुए चित्रित किया जाता है, जो उनकी आध्यात्मिकता की खोज को दर्शाता है।

3. चंद्रघंटा – योद्धा देवी
चंद्रघंटा का रौद्र रूप वीरता और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। वह अपने माथे पर अर्धचंद्र सजाती है, जो अंधेरे के उन्मूलन का प्रतीक है।

4. कुष्मांडा- ब्रह्मांड की रचयिता
कुष्मांडा ब्रह्मांडीय रचनाकार हैं, जो जीवन और उर्वरता का प्रतीक हैं। माना जाता है कि उनकी दीप्तिमान मुस्कान ब्रह्मांड में रोशनी लाती है।

durga aarti lyrics | durga aarti lyrics in hindi 2023

5. स्कंदमाता – स्कंद की माता
भगवान स्कंद की माता स्कंदमाता मातृ प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक हैं। उसके छह चेहरे मातृ गर्माहट बिखेरते हैं।

6. कात्यायनी – सत्य की योद्धा
कात्यायनी सत्य और न्याय का अवतार हैं। वह छल और झूठ पर विजय पाने के लिए तलवार चलाती है।

7. कालरात्रि – अंधेरी रात
कालरात्रि, उग्र रूप, अस्तित्व के अंधेरे पक्ष का प्रतीक है। बुराई के प्रति उसका निरंतर प्रयास गलत काम के परिणामों की याद दिलाता है।

8. महागौरी – पवित्रता की दिव्य देवी
महागौरी पवित्रता और शांति का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनका शांतिपूर्ण आचरण परेशान आत्माओं को शांत करता है, सांत्वना और सद्भाव प्रदान करता है।

9. सिद्धिदात्री – इच्छाएं प्रदान करने वाली
सिद्धिदात्री अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं। उनकी चार भुजाएं शक्ति, बुद्धि, प्रेम और कर्म का प्रतीक हैं।

माँ दुर्गा की वीडियो आरती बी टी सीरीज

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top