om jai jagdish hare lyrics in hindi हिंदू धर्म में पूजा के बाद आरती करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। आरती एक धार्मिक अनुष्ठान है। जो किसी भी पूजा के बाद ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। आरती करने का अर्थ होता है कि अंधकार में प्रकाश को प्रचलित करना। और भगवान के समक्ष अपना आभार व्यक्त करना। विष्णु भगवान हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक है। विष्णु जी को ब्रह्मांड का संरक्षक माना जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित कई आरती और गीत है परंतु ओम जय जगदीश हरे विष्णु भगवान की की जाने वाली आरती सबसे प्रमुख आरती हैं। भगवान् विष्णु ने धर्म की रक्षा करने के लिए कई अवतार लिए। और उनके हर अवतार को समर्पित एक अलग आरती है। परन्तु विष्णु जी के मुख्य रूप को प्रसन्न करने के लिए om jai jagdish hare lyrics in hindi आरती किया जाता है। Laxmi aarti
om jai jagdish hare lyrics
ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे दुख बिनसे मन का
स्वामी दुख बिनसे मन का
सुख संपत्ती घर आवे सुख संपत्ती घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे
मात पिता तुम मेरे शरण गहूँ मैं किसकी
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा प्रभु बिन और न दूजा
आस करूँ मैं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी
स्वामी तुम अंतर्यामी पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर तुम सब के स्वामी
ओम जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख खल कामी मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति किस विधि मिलूँ दयामय
किस विधि मिलूँ दयामय तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे
दीनबंधु दुखहर्ता तुम रक्षक मेरे
स्वामी तुम ठाकुर मेरे
अपने हाथ उठाओ अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा मै तेरे
ओम जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ संतन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे
तन मन धन सब कुछ है तेरा
स्वामी सब कुछ है तेरा
तेरा तुझ को अर्पण
तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे
( समाप्त )
( जय श्री हरी )
भगवान् विष्णु को प्रिय वस्तुए
तुलसी एक पवित्र पौधा माना जाता है और विशेष रूप से यह भगवान विष्णु को प्रिय है। इसलिए विष्णु भगवान् को तुलसी अवशय चढ़ाना चाहिए।
कमल का फूल भगवान् विष्णु कमल के पुष्प को अपने हाथ में धारण किये हुए है। इसलिए उन्हें कमल का पुष्प चढ़ाना भी शुभ फलदायक है।
शंख भगवान विष्णु के दिव्य प्रतीकों में से एक है।शास्त्रों के अनुसार शंख माँ लक्ष्मी जी के भाई है और यह विष्णु जी को भी अत्यधिक प्रिय है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के बाद शंखनाद करना अनिवार्य माना जाता है।
तुलसी की माला: तुलसी के पत्तों से बनी माला अत्यधिक शुभ मानी जाती है और पूजा के दौरान भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है।
पीला चन्दन विष्णु भगवान् की पीला चन्दन अत्यधिक प्रिय है। इसलिए विष्णु भगवान् को पीले चन्दन से ही तिलक लगाना चाहिए
विष्णु जी की चालीसा का पाठ करना बहुत ही लाभकारी और शुभ फलदायक है। अतः आप श्री हरी को प्रसन्न करने के लिए उनकी चालीसा का पथ भी कर सकते है।
पीले वस्त्र: पीला रंग भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ रंग है और भक्त अक्सर उनकी पूजा करते समय भगवान को वस्त्र पहनाते हैं या पीले रंग की पोशाक पहनते हैं।
विष्णु सहस्रनाम: विष्णु सहस्रनाम एक पवित्र ग्रंथ है जिसमें भगवान विष्णु के एक हजार नाम शामिल हैं और भक्तों द्वारा भक्ति के रूप में इसका पाठ किया जाता है।
SINGER: ANURADHA PAUDWAL
MUSIC DIRECTOR: ARUN PAUDWAL
Music Label: T-Series