बच्चो को खासी की समस्या होना एक आम बात है। बच्चो को खासी कई कारणों से हो सकता है जैसे मौसम का बदलना, वायरस, बैक्टीरिया, या वायरल इंफेक्शन के कारण यह संक्रामण के कारण भी हो सकता है।बच्चों की खांसी का देसी इलाज का इस्तेमाल हमारे यहाँ पुराने समय से ही चला आ रहा है और यह प्रभावी भी होता है। खासी के कारण बच्चे ठीक से सो नहीं पाते बार बार उनकी नींद ख़राब होती है जो उन्हें चिड़चिड़ा बना देती है। खासी के कारण बच्चो का खान पान भी प्रभावित होता है। हमारे यहाँ पुराने समय से ही देसी इलाज का काफी महत्व रहा है। आज इस लेख में हम आपको बच्चों की खांसी का देसी इलाज के बारे में बताएँगे।
बच्चों की खांसी का देसी इलाज
1 हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध एक प्राकृतिक औषधि है।हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होता है इसलिए बच्चे को खासी में हल्का गर्म हल्दी वाला दूध पिलाना काफी फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए दूध में एक चुटकी हल्दी डाले फिर उसमे गुड़ मिलकर बच्चे को पिलाये इससे बच्चे को काफी आराम मिलेगा।
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2 जायफल
यदि बच्चा 2 या 3 महीने का है तो उसे माँ के दूध में जायफल घिस कर पिलाये। इससे बच्चे को खासी से राहत मिलेगा और उसका कफ भी निकल जायेगा।जायफल का प्रयोग बच्चो के लिए काफी पुराने समय से होता आ रहा है।
3 अदरक और शहद
शहद और अदरक का उपयोग हजारो वर्षो से आयुर्वेद चिकित्सा में किया जा रहा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन C बच्चो की इम्युनिटी को मजबूत बनाते है। जिससे बच्चे को बार बार खासी की समस्या नहीं होती। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण बच्चे की खासी को कम करने में मदद करते है। अदरक को घिस कर उसका रस निकल ले फिर उसे शहद में पिलाकर बच्चे को पिलाये ऐसा करने से बच्चे का खासी कम होता है।
4 तुलसी के पत्ते
तुलसी को हमारे यहां पूजनीय तो माना ही जाता है साथ ही इसके अनेको स्वास्थ्य लाभ भी है। तुलसी का उपयोग जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है और यह बच्चो के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, और एंटीफंगल गुण बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत बनाता है जिससे वह कम बीमार पड़ते है। तुलसी के पत्ते के इस्तेमाल से बच्चे की खासी को कम किया जा सकता है। तुलसी के पत्तो को पानी में उबाल ले उसके बाद उसे छानकर उसमे गुड़ का पाउडर मिलकर बच्चे को पिलाये।
5 लहसुन
लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो बच्चो की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूत बनाता है। लहसुन भी बच्चे की खासी को रोकने का एक कारगर उपाय है। लहसुन के प्रयोग से बच्चे का कफ भी निकल जाता है। लहसुन का प्रयोग कई प्रकार से कर सकते है जैसे यदि बच्चे को ठण्ड के कारण खासी हो रहा तो उसकी छाती और पैर के तलवे पर लहसुन तेल की मालिस करे।
इसके लिए सरसो के तेल में कुछ लहसुन की कालिया छील कर डाले और उसे गर्म करे फिर इस तेल से बच्चे की मालिस करे। लहसुन की कुछ कलियों को छीलकर उसका रस निकल ले उसके बाद शहद में मिलाकर बच्चे को दे इससे बच्चे की खासी भी कम होगी और कफ भी निकल जायेगा।
6 लोंग
लोग का उपयोग मसाले और औषधि रूप में किया जाता है। लोंग में मौजूद एक्सीलेरिन तत्व बच्चो की पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। लोंग का प्रयोग खासी से भी रहत देता है। लोंग को तवे पर भूनकर बारीक़ पीस ले उसके बाद इसे शहद के साथ बच्चे को दे ऐसा करने से बच्चे को तुरंत रहत मिलेगा।
7 गाय का घी
गाय का घी बच्चो के लिए हर प्रकार से फायदेमंद है। गाय के घी में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे विटामिन A, डी, ई, और K प्रोटीन, लेक्टोफेरिन, ब्राउनवेल कोंटेंट प्रोटीन और एंटीबैक्टीरियल। गाय का घी बच्चो के पाचन में सुधर लाता है। यह बच्चो की हड्डियों को मजबूत बनाता है।बच्चे को खासी होने पर गाय का घी गरम करके बच्चे की छाती पर मालिस करे इससे खासी में काफी आराम मिलेगा। दूध में भी गाय का घी डालकर बच्चे को पिलाये
नोट – बच्चो के लिए शुद्ध गाय का घी ही इस्तेमाल करे।